वैश्विक महामारी के चलते लगातार मंदी के दौर से गुजर रहे परिवहन उद्योग को अब केंद्र सरकार का भी साथ मिल गया है। दरअसल पहले ही बुरे दौर से गुजर रहे परिवहन उद्योग को लेकर केंद्र सरकार ने सभी राज्यों से भाड़े की दर को कम से कम रखने का आग्रह किया है। अभी हाल ही में महाराष्ट्र सरकार ने भाड़े की दर को 20% बढ़ाने के संकेत दिए थे।
भारत के ट्रक ड्राइवर्स इस मुश्किल समय में आपकी सहायता मांग रहे हैं। आज ही अपना योगदान दें: https://bit.ly/2RweeKH
लगातार गाड़ियों के मांग में आ रहे कमी के मुद्दे को परिवहन उद्योग ने सरकार के सामने रख था, जिसके बाद सरकार की तरफ से राज्य सरकारों को आग्रह किया गया है।
हालांकि पहले से लागू नए मोटर व्हीकल एक्ट में भाड़े की दर को कम से कम रखने की बात कही गई है, लेकिन राज्यों द्वारा इसका पालन नहीं किया जाता है।
इससे पहले 30 जून को ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिख कर “सड़क परिवहन क्षेत्र की तेजी से बिगड़ती हालत” के समाधान के रूप में “वाहनों की विभिन्न श्रेणियों के लिए प्रति किलोमीटर प्रति टन न्यूनतम माल भाड़ा मूल्य निर्धारण” का सुझाव दिया था। इसी सुझाव के मद्देनजर सरकार ने यह निर्णय लिया है।
सरकार ने जारी आदेश के लिए मोटर व्हीकल एक्ट 67(1) का हवाला दिया है, जिसमें केंद्र सरकार परिवहन सेवा प्रदाताओं के बीच प्रभावी प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के संबंध में, राज्य परिवहन प्राधिकरण और क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण दोनों को सूचनाओं के माध्यम से दिशा निर्देश जारी कर सकती हैं।
हालांकि इस संदर्भ में राज्य सरकारों के पास भी एक्ट 67(2) के तहत आदेश को लागू न करने का अधिकार है, इसलिए पत्र में राज्यों से अनुरोध किया गया है। भारत में भाड़े की दर का निर्धारण मुख्य रुप से बाजार की स्थिति पर निर्भर करता है, क्योंकि यह स्थायी नहीं है, लेकिन कोविड-19 की महामारी ने लगातार भाड़े की दर को कम कर दिया है।
अब अपने ई-चालान की सभी जानकारी पाएं एक क्लिक से!