बजट 2021-22 में जब मांग के अनुरुप ऑटोसैक्टर के लिए स्क्रैपेज पॉलिसी की घोषणा हुई तो ऑटोसैक्टर ने राहत की सांस ली कि देर से ही सही पर कुछ तो उनके लिए अच्छा हुआ। स्क्रैपेज पॉलिसी से ऑटो सेल में डिमांड बढ़ने की उम्मीद है, क्योंकि इसके तहत पुरानी वाहनों को नए वाहनों से बदला जाएगा।
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लेकिन इन सब के बीच एक राज्य ऐसा भी ही जिसे स्क्रैपेज पॉलिसी के आने से कुछ खुशी नहीं हुई क्योंकि इस पॉलिसी का असर इस राज्य पर नहीं पड़ेगा।
ऐसा इसलिए क्योंकि स्क्रैपेज पॉलिसी में निजी वाहन के लिए 20 और कॉमर्शियल वाहन के लिए जो 15 वर्ष की उम्र तय की गई है वो इस राज्य के वाहनों पर लागू नहीं होगी क्योंकि यहां पहले से ही मजबूत प्रतिस्थापन नीति लागू है जिसके तहत वाहनों को बदला जा चुका है।
आंध्र प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम यानि एपीएसआरटीसी के पास कुल 9,000 बसें है, जिसमें से केवल 19 बसें हीं ऐसी हैं जो 15 साल पुरानी है। मतलब बाकी बची बसों को पहले ही प्रतिस्थापन नीति के अंतर्गत बदला जा चुका है। बावजूद इसके एपीएसआरटीसी के कर्मचारियों को डर है कि यदि गांव और छोटे कस्बों में स्क्रैपेज पॉलिसी लागू हो गई तो वे बेरोजगार हो जाएंगे।
केंद्र द्वारा जारी स्क्रैपेज पॉलिसी पर बोलते हुए एपीएसआरटीसी, इंजीनियरिंग विंग के कार्यकारी निदेशक, कृष्ण मोहन ने कहा कि राज्य में जो बसें 12 लाख किलोमीटर से अधिक चली होती है, उसे प्रतिस्थापन नीति के अंतर्गत बदल दिया जाता है।
इसके अंतर्गत प्रति वर्ष 1,000 बसों को बदला जाता है। केंद्र की घोषणा के बाद एपीएसआरटीसी ने जांच में केवल 19 बसों को अनफिट पाया। इसे भी जल्द ही बदल लिया जाएगा।
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